मानवता के काम आओ
मनुष्यता तो है तभी
बनो परोपकारी तुम
मानव कहलाओगे तभी
मनुष्यता तो है तभी
बनो परोपकारी तुम
मानव कहलाओगे तभी
दानकर्म से बड़ा
नही है पुण्य सच है ये
कर्ण है उदाहरण
दिया कवच है दान में
नही है पुण्य सच है ये
कर्ण है उदाहरण
दिया कवच है दान में
कर्म जो है पर हितार्थ
संकोच ना करो ज़रा
दधीची के ही त्याग से
बना है इंद्रवज्रा
संकोच ना करो ज़रा
दधीची के ही त्याग से
बना है इंद्रवज्रा
नीलकंठ ने पीया था विष
धरा बचाने को
बुद्ध ने दिया था ज्ञान
हिंसा को तुम त्याग दो
धरा बचाने को
बुद्ध ने दिया था ज्ञान
हिंसा को तुम त्याग दो
मृत्यु तो है पूर्ण सत्य
पर काम ऐसे ही करो
याद जो करे सभी
पर काम ऐसे ही करो
याद जो करे सभी
मरो तो ऐसे ही मरो
मृत्यु तो है पूर्ण सत्य
ReplyDeleteपर काम ऐसे ही करो
याद जो करे सभी
मरो तो ऐसे ही मरो
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यथार्थवादी रचना के लिए बधाई!
बहुत अच्छी यथार्थवादी प्रस्तुति।
ReplyDeleteनवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं
bahot sunder likhi hai.
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