"यहाँ देखो,भारतमाता धीरे-धीरे आँखे खोल रही है . वह कुछ ही देर सोयी थी . उठो, उसे जगाओ और पहले की अपेक्षा और भी गौरवमंडित करके भक्तिभाव से उसे उसके चिरंतन सिंहासन पर प्रतिष्ठित कर दो!" ___स्वामी विवेकानंद
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Tuesday, March 29, 2011
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टूटा दिल जुड़ जाएगा
ReplyDeleteनिरंतर दुआ खुदा से करो जो खो गया
मिल जाएगा
खूबसूरत
दिल का दर्द नासूर बन गया तेरी यादों में
ReplyDeleteबह रही है आंसूओं की धार तेरी यादों में ...
भावुक...सुन्दर...मर्मस्पर्शी भावाभिव्यक्ति....
भारी मन को और भारी कर गयी आपकी अभिव्यक्ति ......
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